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Sunday, November 1, 2015

अर्थव्यवस्थांचे प्रकार

अर्थव्यवस्थांचे प्रकार :

अर्थव्यवस्था (Economics) हे एक प्रकारचे सामाजिकशास्त्र (Social Science) आहे. अर्थशास्त्र वस्तू आणि सेवा यांच्या उत्पादन, वितरण आणि वापराचे विश्लेषण करते.
 अॅडम स्मिथ यांच्या मते – ‘अर्थशास्त्र म्हणजे राष्ट्राच्या संपतीच्या स्वभाववैशिष्ट्यांची आणि कारणांची चिकित्सा होय.’

1)  मुक्त अर्थव्यवस्था (Market Economy) :

या अर्थव्यवस्थेला Laissez Faire किंवा Self-managed economy असेही म्हणतात. शासन देशातील उत्पादन, किंमत निर्धारण, गुंतवणुकीचे निर्णयांवर कुठलाही ताबा ठेवत नाही. उद्योग मुक्तपणे बाजारात ज्या वस्तुंची मागणी असेल किंवा ज्या वस्तुंपासून जास्त नफा मिळेल अशा वस्तू तयार करतात. भांडवलशाही देशांमध्ये अशा प्रकारची मुक्त अर्थव्यवस्था राबविली जाते. उत्पादनाबाबत कुठलेही नियोजन नसल्यामुळे अशा अर्थव्यवस्थेला अनियोजित (Unplanned economy) असेही म्हणतात.

2) नियोजित अर्थव्यवस्था (Planned Economy) :

हि अर्थव्यवस्था असणाऱ्या  देशात एखादी मजबूत केंद्रीय संस्था असते. उदा.नियोजन आयोग. ही संस्था त्या अर्थव्यवस्थेत उत्पादनाच्या व गुंतवणुकीच्या संबंधित एखादी योजना तयार करते. या योजनेला अनुसरून सर्व निर्णय घेतले जातात.समाजवादी अर्थव्यवस्थेत नियोजित अर्थव्यवस्थेचे सूत्र वापरले जाते. वस्तूंची मागणी किंवा नफा लक्षात न घेता जीवनावश्यक वस्तूंच्या उत्पादनावर लक्ष दिले जाते.

 नियोजित अर्थव्यवस्थेचे दोन प्रकार पडतात.
 
i) आदेशात्मक नियोजित अर्थव्यवस्था (Command economy) :
नियोजित अर्थव्यवस्थेचे कडक-अतिकेंद्रीत स्वरूप म्हणजे आदेशात्मक अर्थव्यवस्था. अशा अर्थव्यवस्थेत केंद्रसंस्था किंवा शासनाच्या हातात सर्व आर्थिक अधिकार दिले जातात.

 ii) सूचनात्मक नियोजित अर्थव्यवस्था (Indicative economy) :

हे नियोजित अर्थव्यवस्थेचे थोडे ढिले स्वरूप असते. म्हणजे एखाद्या विशिष्ठ क्षेत्रातील गुंतवणूक किंवा उत्पादन वाढविण्यासाठी आदेश न देता सूचना दिली जाते. अनुदाने, सबसिडी, करमुक्तता अशी आमिषे दाखविली जातात. याला Planned Market economy असे म्हणतात.

 3) मिश्र अर्थव्यवस्था (Mixed economy) :
नियोजित अर्थव्यवस्था समाजवादाचे लक्षण असून मुक्त अर्थव्यवस्था भांडवलवादाचे लक्षण आहे. मिश्र अर्थव्यवस्थेत दोन्ही नियोजित तसेच मुक्त अर्थव्यवस्थांचे सहअस्तित्व असते.
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अर्थशास्त्रातिल काहि संकल्पना

अर्थशास्त्रातील काही संकल्पना :

1) व्यापारतोल (Balance of Trade) :-
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• व्यापारतोल (BOT) म्हणजे एका वर्षातील देशाच्या आयात वस्तूंची एकूण किंमत आणि देशाच्या निर्यात वस्तूंची एकूण किंमत यांमधील फरक होय.
• व्यापारतोलात फक्त वस्तूूंच्या आयात-निर्यातीतून निर्माण होणा-या येणी व  देणीचा समावेश असतो.
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2) व्यवहार तोल  (Balance of Payment) :-
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• व्यवहारतोल (BOP) म्हणजे एका देशाने इतर सर्व देशांशी केलेल्या सर्व प्रकारच्या आर्थिक व्यवहारांचे व्यवस्थित मांडलेले रेकॉर्ड असते.
• व्यवहारतोलात वस्तूंशिवाय सेवांच्या देवाण-घेवाणीतून तसेत कर्जे व गुंतवणुकीच्या व्यवहारांतून निर्माण होणा-या येणी आणि देणी यांचाही समावेश असतो.
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® रुपयाची परिवर्तनियता :-
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• जगातील चलनेमध्ये परस्परांमध्ये विनिमयक्षम असतात. म्हणजे एका चलनाची अदलाबदल इतर चलनामध्ये करता येते.   मात्र विविध सरकारे चलनाच्या विनिमयावर विविध बंधने/नियंत्रणे/मर्यादा टाकत असतात.
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* व्यवहारतोलाच्या चालू व भांडवली खात्यांवरील शेष/तुटीची तुलना :-
            चालू खात्यावरील शेष हा भांडवली खात्यावरील तुटी एवढा असावा किंवा चालू खात्यावरील तूट ही भांडवली खात्यावरील शेष एवढी असावी.
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* अंदाजपत्रक :-
• " पुढील आर्थिक वर्षाच्या शासकीय जमा-खर्चाच्या कायदेमंडळापुढे विचारार्थ ठेवावयाच्या प्राथमिक स्वरुपातील योजनांचा व शिफारसींचा समावेश ज्या कागदपत्रांत केला असतो त्यास बजेट किंवा अंदाजपत्रक म्हणतात."
• १९२१ च्या अॅकवर्थ समितीच्या शिफारसीनुसार १९२४ पासून रेल्वेचा अर्थसंकल्प वेगळा मांडला जातो.
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* भारताचा नियंत्रक व महालेखापरिक्षक (Comptroller and Auditor General of India : CAG) :-
• नेमणूक :- घटनेच्या कलम १४७ अंतर्गत, राष्ट्रपतीतर्फे.
• कार्य :- भारताच्या, राज्य सरकारांच्या तसेच विधानसभा असलेल्या केंद्रशासित प्रदेशांच्या संचित निधीतून झालेल्या खर्चाचा अहवाल तयार करणे.  तसेच, हा खर्च कायद्याने ठरवून दिल्याप्रमाणेच झाला आहे की नाही हे बघणे.
• CAG > राष्ट्रपती > संसद > लोकलेखा समिती .
• CAG ला लोकसेखा समितीचे कान व डोळे म्हणतात.
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* कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाऊंट्स (CGA) :-
• आक्टोबर १९७६ पासून CAG ती लेखेविषयक कार्य अर्थमंत्रालयात निर्माण करण्यात आलेल्या CGA च्या कार्यालयाकडे देण्यात आली.
• CGA हे केंद्र सरकारचे सर्वाेच्च 'लेखा प्राधिकारी' (appex Accounting Authority) आहे.
• घटनेच्या कलम १५० अन्वये केंद्र व राज्य शासनाच्या लेख्यांचे स्वरुप विहीत करण्यातची जबाबदारी राष्ट्रपतीवर आहे.   राष्ट्रपतींच्या या अधिकारांची अंमलबजावणी करण्याची जबाबदारी CGA यांच्यावर आहे.
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* भारतीय कर संरचना (Indian Tax Structure)

• व्याख्या :- "जनतेच्या कल्याणासाठी शासनाला करावा लागणारा खर्च भागविण्याच्या हेतूने शासनाने लोकांकडून सक्तीने घेतलेली रक्कम म्हणजे कर होय."
• घटनेच्या कलम २६५ अंतर्गत सरकारला कर आकारण्याचा अधिकार आहे.
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१) प्रत्यक्ष कर :-
• प्रत्यक्ष कर म्हणजे असे कर की ज्यांच्या बाबतीत कायदेशीरपणे ज्या व्यक्तीवर कर लादलेला असतो तीच व्यक्ती कर भरत असते & करांचे ओझेही त्याच व्यक्तीला सहन करावे लागते.  प्रत्यक्ष करांचे ओझे दुस-या व्यक्तीकडे संक्रमित करता येत नाही.
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२) अप्रत्यक्ष कर :-
• अप्रत्यक्ष कर म्हणजे असे कर की ज्यांच्या बाबतीत कराचा आघात (impact of tax)  आणि करभार (incidence of tax) वेगवेगळ्या व्यक्तीवर पडत असतो.  अंतिम करभार ग्राहकावर पडत असतो.
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३) प्रमाणशीर कर :-
• जर दायित्व (tax-liability) उत्पन्नातील वाढीच्या सम प्रमाणात वाढत असेल तर त्या करास प्रमाणशीर कर असे म्हणतात.
उदा., महामंडळ कर.
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४) प्रगतिशील कर :-
• जर करदायित्व उत्पन्नातील वाढीच्या अधिक वेगाने वाढत असेल तर त्या करास प्रगतिशील कर असे म्हणतात.
उदा., वैयक्तिक आयकर.
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५) प्रतिगामी कर :-
• उत्पन्न वाढत असतानाही जर कर दायित्वाचे उत्पन्नाशी असलेले प्रमाण कमी होत असेल तर त्या करास प्रतिगामी  कर असे म्हणतात.
उदा.,
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६) विशिष्ट आणि मुल्यानुसारी कर :-
• जर कर वस्तूंच्या किंवा आकारमानाच्या एककानुसार (per unit of weight or volume) आकारला असेल तर त्यास विशिष्ट कर असे म्हणतात.
• जर कर वस्तूंच्या किंमतीच्या प्रमाणात  (as percentage of value of goods) आकारला जात असेल तर त्यास मूल्यानूसारी कर असे म्हणतात.
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७) एकमूखी & बहुमूखी कर :-
• जर कर व्यवस्थेत एकच कर आकारला जात असेल तर त्यास एकमुखी कर पध्दती म्हणतात.
• जर कर व्यवस्थेत अनेक कर आकारले जात असतील तर त्यास बहुमुखी कर पध्दती असे म्हणतात.
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८) महामंडळ कर/निगम कर (Corporation Tax) :-
• कंपन्यांच्या / उत्पादन संस्थाच्या उत्पन्नावर / नफ्यावर जो कर आकारला जातो त्याला महामंडळ कर असे म्हणतात.
• केंद्र सरकार मोठ्या तसेच लहान कंपन्यावर आकारते.
• सध्या (२०१२-१३) भारतीय कंपन्यासाठी महामंडळ कर त्यांच्या निव्वळ नफ्याच्या ३०% तर परकीय कंपन्यासाठी ४०% इतक्या दराने आकारला जातो.
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९) किमान पर्यायी कर (Minimum Alternate Tax : MAT ) :-
• हा कर महामंडळ कराशी संबंधित कर आहे.  ज्या कंपन्या आपल्या जमा-खर्चात मोठा नफा दाखवतात, मात्र विविध कर सवलती, कर कपात, कर प्रोत्साहने इत्यादीमुळे कराच्या जाळ्यातुन सुटतात अशा कंपन्यावर MAT आकारला जातो.
• MAT हा कर १९९६-९७ च्या अर्थसंकल्पापासून आकारण्यात येतो.
• २०११-१२ च्या अर्थसंकल्पात या कराता दर १८.५% इतका करण्यात आला आहे.
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१०) खर्च कर :-

११) मालमत्ता कर

१२) देणगी कर (Gift Tax) :-
• निकोलस कॉल्डॉर यांच्या शिफारसीनुसार हा कर एप्रिल १९५८ पासून आकारण्यात सुरूवात झाली.
• १९९०-९१ च्या अर्थसंकल्पापासून तो देणगी स्विकारणा-यावर आकारण्यास सुरुवात झाली.
• १९९८-९९ च्या अर्थसंकल्पात अर्थमंत्री यशवंत सिन्हा यांनी तो कर रद्द केला.  आता स्विकारलेली देणगी त्याच्या उत्पन्नाचा हिस्सा मानण्यात येतो.
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१३) संपत्ती कर (Wealth Tax) :-
• मे १९५७ पासून प्रो. निकोलस कॉल्डॉर यांच्या शिफारसीनुसार हा कर आकारण्यास सुरुवात झाली.
• व्यक्ती, हिंदू अविभाजीत कुटुंबे इत्यादीच्या संचित संपत्तीवर हा कर आकारला जातो व तो चालु भरायचा असतो.
• १९९२-९३ च्या अर्थसंकल्पापासून अर्थमंत्री मनमोहन सिंग यांनी उत्पादनक्षम मालमत्तेवरील (उदा., शेअर्स) संपत्ती तर रद्द केला व तो फक्त अनुत्पादक मालमत्तांवर (उदा., गेस्ट हाऊसेस, राहती घरे, दागिने) आकारण्याचे निश्चित केले..
• एप्रिल १९९३ पासुन तो १५ लाख रु. पेक्षा अधिक मालमत्तेवर एक टक्का या दराने आकारण्यात येतो.
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१४) अबकारी कर / उत्पादन शुल्क (Excise Tax) :-
• देशांतर्गत उत्पादन झालेल्या वस्तूंवर हा कर आकारण्यात येतो.
• त्याचे दोन प्रकार आहेत. i) केंद्रीय अबकारी कर आणि ii) राज्य अबकारी कर.
• राज्य अबकारी कर हा राज्यांचा कर असून तो मादक द्रव्ये, ड्रग्ज, सौंदर्य प्रसादने इत्यादीच्या उत्पादनावर आकारण्यात येतो.  त्याव्यतिरिक्त इतर वस्तुंच्या उत्पादनावर केंद्रीय अबकारी कर आकारण्यात येतो.
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१५) सीमा कर (Custom Duty) :-
• यात आयात कर व निर्यात कर यांचा समावेश असतो. आयात कराला tariff असेही म्हणतात.
• भारतास प्राप्त होणा-या एकूण सिमा शुल्कापैकी ९९% महसूल आयात करातून मिळतो, तर केवळ १% महसूल निर्यातीतून मिळतो.
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१६) केंद्रीय विक्री कर (Central Sales Tax) :-
• विक्री एका राज्यातून दुस-या राज्यात झाल्यास हा कर लागू होतो. तो केंद्रामार्फत आकारला जातो, मात्र त्याचे उत्पन्न ज्या राज्यातून विक्री होते त्या राज्यास मिळते.
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१७) सेवा कर (Service Tax) :-
• राष्ट्रीय उत्पन्नात ५०% हून अधिक हिस्सा असलेल्या सेवा क्षेत्राला कर जाळ्यात ओढण्यासाठी १९९४-९५ पासून सेवा कर आकारण्यात येतो.
• या कराची आकारणी केंद्र सरकारमार्फत केली जाते, तर त्याची वसूली भारत सरकार व राज्य सरकारांमार्फत होते, तसेत त्याच्या महसुली उत्पन्नाची वाटणी केंद्र व राज्य सरकारांमध्ये होते.
• जम्मू काश्मिर वगळता सर्व राज्यांत लागू.
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१७) वस्तु व सेवा कर (Goods & Services Tax) :-
• वस्तू व सेवांवरील कर स्वतंत्ररित्या न आकारता एकात्मिक पद्धतीने आकारण्याची पध्दत म्हणजे वस्तू व सेवा कर होय.
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१८) मुल्यवर्धित करप्रणाली (Value Added Tax : VAT)
•  पुर्वीच्या विक्री पध्दतीत करवसूली राज्य शासनामार्फत एकाच वेळी होत असल्याने ती Single Point leavy of Tax म्हणून ओळखली जात असे.
• VAT प्रणालीत उत्पादक वगळता वितरण व्यवस्थेतील प्रत्येक ग्राहकाला / घटकाला (घाऊक व्यापारी, किरकोळ व्यापारी इ.) त्या वस्तूंची विक्री करतांना कर भरावा लागतो.  मात्र खरेदीवर भरलेल्या कराची पूर्ण वजावट लगेच मिळते.  थोडक्यात, वस्तूच्या विक्रीच्या प्रत्येक टप्प्यावर तिच्यामध्ये जेवढे मुल्य अधिक केले जाते त्या मूल्यवर्धनावर value added tax आकारला जातो.  त्यामुळे VAT ला ‘Multipoint levy Tax ’ असे म्हणतात.
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-:-:- दारिद्र्य -:-:-:-
♦ जीवनाच्या मुलभूत किमान गरजा भागविता येण्याची अक्षमता म्हणजे दारिद्र्य होय.
♦ दारिद्र्य एक सापेक्ष संकल्पना आहे.

-:-:-:- कामगार -:-:-:-
♦ उच्च किंवा निम्न अशा कोणत्याही स्तरावरील आर्थिक क्रियांमध्ये गुंतलेल्या व त्याद्वारे राष्ट्रीय उत्पन्नात भर घालणा-या सर्व व्यक्तींना कामगार म्हटले जाते.

-:-:-:- बेरोजगारी -:-:-:-
♦ रोजगार नसलेल्या परंतु रोजगार मिळावा अशी इच्छा असलेल्या व्यक्तीला बेरोजगार म्हणता येईल.  रोजगार मिळविण्यासाठी उत्सुक असलेली व्यक्ती त्यासाठी शारिरीक व मानसिकदृष्ट्या समर्थ असावी.
• बेरोजगारीचे प्रकार •
१) खुली बेरोजगारी :-
काम करण्याची इच्छा व क्षमता असूनही नियमित उत्पन्न देणारा रोजगार प्राप्त होत नसेल तर त्याला खुली बेरोजगारी असे म्हणतात.

२) हंगामी बेरोजगारी :-
शेतीच्या नांगरणीपासून कापणीपर्यंतचा कालावधी सोडून वर्षाच्या इतर काळात भासणारी बेरोजगारी.

३) अदृश्य / प्रच्छन्न बेरोजगारी :-
आपल्या क्षमतेचा पूर्ण वापर करुन एखादे काम जेवढे व्यक्ती करू शकतात त्यापेक्षा जास्त व्यक्ती त्या कामात गुंतलेले असल्यास..

४) कमी प्रतीची बेरोजगारी :-
ज्यावेळी एखाद्या व्यक्तीला आपल्या क्षमतेपेक्षा / शिक्षणाच्या दर्जेपेक्षा कमी प्रतीच्या रोजगारावर समाधान मानावे लागते.

५) सुशिक्षीत बेरोजगारी :-
जेव्हा सुशिक्षीत लोक कमी प्रतीच्या किंवा खुल्या बेरोजगारीला बळी पडतात.

६)चक्रीय बेरोजगारी :-
विकसीत भांडवलशाही देशांमधील व्यापारी चक्राच्या मंदीच्या परिस्थितीत ही बेरोजगारी दिसून येते.

७) घर्षणात्मक बेरोजगारी :-
• विकसीत देशांना जेव्हा नवीन उद्योग जुन्या उद्योगांना आपल्या व्यवसायातून बाहेर पडण्यास भाग पाडतात व कामगार अधिक चांगल्या रोजगाराच्या प्रतिक्षेत असतात तेव्हा ही बेरोजगारी निर्माण होते.
• असा तात्पुरता कालावधी जेव्हा कामगार ऐच्छिकरित्या बेरोजगार असतो तेव्हा त्या परिस्थितीला घर्षणात्मक बेरोजगारी असे म्हणतात. (येथे घर्षण जुन्या व नव्या उद्योगामध्ये निर्माण झालेले असतात.)
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तार व दुरध्वनी

तार व दूरध्वनी -

भारतात सर्वप्रथम तार सेवा सुरु – कोलकाता ते डायमंड हार्बर (१८५१)
भारतातील सर्वात मोठी तार कचेरी – मुंबई
भारतात टेलेक्स विभाग सुरू - १९६३
देवनागरी भाषेतून टेलेक्सची सुविधा – १९६७
पहिली बिनतारी संदेशवहन सेवा - कोलकाता ते आग्रा (१८५३)
दूरध्वनीचा शोध लावणारा शास्त्रज्ञ – अलेक्झांडर ग्राहम बेल (१८७५)
भारतात दूरध्वनी सेवेची सुरुवात - कोलकाता – (१८८१-८२)
प्रथम मोबाईल सेवा - कोलकाता (२२ मार्च १९९५)
भारतात पहिले स्वयंचलित केंद्र – सिमला (१९१३-१४)
पहिली एस.टी.डी. सेवा सुरु – कानपूर ते लखनौ दरम्यान (१९६०)
भारत ते लंडन पहिली आंतरखंडीय सेवा सुरु - १८७३
भारतात पहिले वाई-फाई शहर बनणार – पुणे
भारत संचार निगम लि. ची स्थापना - १ ऑक्टोंबर २०००
भरतील दूरसंचारचा जगात चीन नंतरचा क्रमांक - दुसरा
भारतात सर्वाधिक इंटरनेट धारक - १) महाराष्ट्र २) दिल्ली
भारतात मोबाईल दुरध्वनी ग्राहकांची संख्या मार्च २०१० पर्यंतच्या आकडेवाडीनुसार ५८.४३ कोटी असून भारताने भारताने अमेरिकेला मागे टाकून चीन नंतर दुसरा क्रमांक पटकावला आहे. भारतात मोबाईल संभाषणाचे दर जगात सर्वांत स्वस्त आहे.
महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड सेवा पुरविते - मुंबई व दिल्ली (१९८६)
विदेश संचार निगम लिमिटेडची स्थापना - १ एप्रिल १९८६ (सध्या खाजकीकरणाने टाटांकडे)

रेडिओ

रेडीओ -

भारतात रेडिओवरील पहिले बातमीप्रत्र – मुंबई (१९२७)
ऑल इंडिया रेडिओची स्थापना – १९३६
ऑल इंडिया रेडिओचे आकाशवाणीत रुपांतर व विविध भारताची सुरुवात झाली - १९५७
ए.आय.आर. ची पहिलि एफ.एम. सेवा – १९७७ मद्रास
देशात २२५ आकाशवाणी केंद्र होती ती ९९.१३ लोकसंख्या व १९.४२ क्षेत्रफळास पुरविते.
पहिले एफ.एम. केंद्र सुरु – दिल्ली

दूरदर्शन -

भारतात प्रायोगिक स्वरुपात दूरदर्शन सुरु – दिल्ली (१५ सप्टेंबर १९५९)
दूरदर्शनची नियमित सेवा सुरु – १९६५
मुंबई दूरदर्शन केंद्राची सुरुवात – २ ऑक्टोंबर १९७२
दूरदर्शन आंतरराष्ट्रीय वाहिनी – १४ मार्च १९९५
दूरदर्शन ऑल इंडियापासून वेगळे केले – १९७६
उपग्रहाद्वारे नियमित प्रसारण, रंगीत प्रसारण व राष्ट्रीय कार्यक्रम सुरु - १९८२
पहिले भारतील चॅनल सुरु – झी.टी.व्ही. (१९९९)
डि.डी. स्पोर्टस – १९९९
डी.डी. इंडिया – १४ मार्च १९९५
डी.डी. भारती - २५ जानेवारी २००२
डी.डी. लोकसभा व राज्यसभा चॅनल - १४ डिसेंबर २००४
सांस्कृतीक चॅनल – २६ जानेवारी २००२
२४ तास दूरदर्शनच्या बातम्या देणारा डी.डी. न्यूज सुरु – ३ नोव्हेंबर २००३
१६ डिसेंबर २००४ रोजी दूरदर्शनचे डी.टी.एच. सेवा सुरु केली तिचे नाव - डी.डी. डायरेक्ट प्लस
इंदिरा गांधी नॅशनल ओपन युनिवर्सिटी तर्फे ज्ञानदर्शन हा शैक्षणिक कार्यक्रम सुरु – २६ जानेवारी २०००
सध्या रेडिओ व दूरदर्शनवर नियंत्रण ठेवणारी स्वायत्त संस्था – प्रसार भारती
सध्या दूरदर्शनच्या ८९७ ट्रान्समीटरद्वारे कार्यक्रम ८७% लोकांपर्यंत पोहोचतात.
दूरदर्शनचा सर्वात उंच टॉवर – प्रितमपूरा टॉवर (दिल्ली २३५ मी.)

इस्ट इंडिया कंपनी आणि विरोध

**  ईस्ट इंडिया कंपनीच्या विरोधात झालेले विविध उठाव *****

क्र. उठावाचे नाव वर्ष प्रांत नेतृत्व
1.संन्याशाचा उठाव 1765-1800 बंगाल शंकराचार्यांचे अनुयायी व गिरी संप्रदायाचे लोक

2. चुआरांचा उठाव 1768 बंगाल-मिजापूर जिल्हा जगन्नाथ घाला

3. हो जमातीचे बंड 1820 छोटा नागपूर व सिंगभूम -

4. जमिनदारांचा उठाव 1803 ओडिशा जगबंधू

5. खोंडांचा उठाव 1836 पर्वतीय प्रदेश दोरा बिसाई

6. संथाळांचा उठाव 1855 - कान्हू व सिंधू

7. खासींचा उठाव 1824 आसाम निरतसिंग

8. कुंकिंचा उठाव 1826 मणिपूर -

9. दक्षिण भारतातील उठाव - - -

10. पाळेगारांचा उठाव 1790 मद्रास -

11. म्हैसूरमधील शेतकर्‍यांचा उठाव 1830 म्हैसूर -

12. विजयनगरचा उठाव 1765 विजयनगर -

13. गोरखपूरच्या जमिनदारांचा उठाव 1870 गोरखपूर -

14. रोहिलखंडातील उठाव 1801 रोहिलखंड -

15. रामोश्यांचा उठाव 1826 महाराष्ट्र उमाजी नाईक व बापू त्र्यंबकजी सावंत

16. भिल्ल व कोळ्यांचा उठाव 1824 - -

17. केतूरच्या देसाईचा उठाव 1824 केतूर -

18. फोंडा सावंतचा उठाव 1838 - -

19. लखनऊ उठाव - - -

21. भिल्लाचा उठाव 1825 खानदेश -

21. दख्खनचे दंगे 1875 पुणे,सातारा,महाराष्ट्र शेतकरी

न्युटनचे गतिविषयक नियम

न्‍यूटनचे गतीविषयक नियम:

न्‍यूटनचे गतीविषयक तीन नियम प्रसिद्ध आहे.

अ) न्‍यूटनचा गतीविषयक पहिला नियम :- 

कोणत्‍याही वस्‍तूवर बलाची क्रिया झाल्‍याशिवाय ती वस्‍तू आपली अवस्‍था स्‍वत:हून बदलवित नाही. न्‍यूटनच्‍या या नियमावर आधारित खालील उदाहरणे आहेत.
��१. वेगाने धावणा-या गाडीचे अचानक ब्रेक दाबले असता आतील प्रवासी पुढे झुकतात.
��२. मैदाने सपाट करण्‍यासाठी आणलेल्‍या रोलरला गती देण्‍याकरिता जास्‍त शक्‍ती खर्च करावी लागते. एकदा गतिमान झाल्‍यानंतर फारसे प्रयत्‍न करावे लागत नाहीत.
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ब) न्‍यूटनचा गतीविषयक दुसरा नियम :

१. संवेग : संवेग परिवर्तनाचा दर प्रयुक्‍त बलाशी समानुपाती असतो.
संवेग म्‍हणजे वस्‍तूमान व वेग यांचा गुणाकार होय. संवेगाची तीव्रता ही वस्‍तूमान आणि वेग या दोन्ही गोष्‍टीवर अवलंबून असते.
उदा.:- 
��१. हाताने फेकलेली बंदुकीची गोळी लाकडात घुसत नाही परंतु बंदुकीमधून झाडलेली गोळी मात्र लाकडात घुसते. ही घटना गोळीचा वेग जास्‍त असल्‍यामुळे घडून येते.
��२. वेगाने जाणा-या दुचाकीचा धक्‍का पायी चालणा-या मनुष्‍याला बसला, तर त्‍याला कमी इजा होते. परंतु दुचाकी इतका वेग असणा-या मोटारीचा धक्‍का पायी जाणा-या मनुष्‍यास बसला तर त्‍याला गंभीर इजा होते. कारण यावेळी गाडीचे वस्‍तूमान दुचाकीपेक्षा जास्‍त आहे.
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क) न्‍यूटनचा गतीविषयक तिसरा नियम 

कोणत्‍याही वस्‍तूवर बलाची क्रिया केली असता, बलाची क्रिया करणा-या त्‍या वस्‍तूद्वारे तेवढयाच परिमाणाचे प्रतिक्रिया बल कार्य करीत असते.
उदा.:- 
��१. दाराला लाथ मारली असता दार तितक्‍याच प्रतिक्रियेने आपल्या पायावर बल प्रेरित करते.
��२. अग्निबाण उडत असतांना वातावरणात बलाची क्रिया करते. तेवढयाच बलाने वातावरणाकडून अग्निबाणावर प्रतिक्रिया केली जाते.

आफ्रिका खंड

आफ्रिका खंड Africa

राज्य सेवा पूर्वपरीक्षेच्या पेपर -१ मधील अभ्यासक्रमांत भूगोल या घटकाअंतर्गत भारताचा, महाराष्ट्राचा व जगाचा भूगोल अंतर्भूत केला आहे. जगाचा भूगोल अभ्यासताना अॅॅटलास (नकाशा) सोबत असणे आवश्यक आहे. एखादा भाग पाठांतर करण्यापेक्षा तो नकाशात कुठे आहे हे जर शोधले तर अभ्यास लवकर लक्षात राहील व अभ्यास मनोरंजक होईल. भूगोलाचे काही प्रश्न सरळ नकाशावर विचारले जातात, म्हणून नकाशावाचन करण्याची सवय असेल तर असे प्रश्न सोडवणे जास्त सोपे जाते.

आफ्रिका खंड 


जगातील प्राचीन संस्कृतीपकी इजिप्शियन संस्कृतीचा विकास या खंडात झाला.प्राकृतिक रचना - या खंडाच्या वायव्येस अॅटलास पर्वत आहे.अॅटलास पर्वत व इथियोपियाचे पठार यांच्या दरम्यान सहारा वाळवंट पसरलेले आहे.या खंडाच्या मध्यभागी कांगो नदीचे विशाल खोरे आहे.या खंडाच्या पूर्व भागात दक्षिणोत्तर पसरलेली सुमारे ५००० कि.मी.ची खचदरी आहे. ही खचदरी झांबियामलावी, टांझानिया, केनिया व इथिओपियापासून तांबडय़ा समुद्रामाग्रे इस्रायल व जॉर्डन समुद्रापर्यंत पसरलेले आहेत.या खचदरीत टांगानिका, मालावी ही सरोवरे निर्माण झालेली आहे.खचदरीच्या भागात पूर्वेस किलिमांजारो व केनिया हे ज्वालामुखीचे पर्वत आहेत.किलिमांजारो या शिखरांची उंची ५,८९५ मीटर असून याला क्युबो असेदेखील म्हणतात. आफ्रिकेतील सर्वात उंच शिखर हेच आहे. हे शिखर विषुववृत्तावर असून ते नेहमी बर्फाच्छादित असते. या पर्वताच्या उतारावर कॉफीचे उत्पादन घेतले जाते.आफ्रिका खंडाला खूप लांब सागरकिनारा लाभला आहे. तरीही तो दंतुर नाही, त्यामुळे येथे नसíगक बंदरे कमी आहेत.हवामान - या खंडातून कर्कवृत्त, मकरवृत्त ही येत असल्याने याचा बराचसा भाग उष्ण कटिबंधात येतो. या खंडातील सर्वसाधारण हवामान उष्ण आहे. या खंडाचा मोठा विस्तार अणि भौगोलिक रचनेतील विविधता यामुळे तापमान व पर्जन्यमान यात विविधता दिसते. या खंडाच्या पश्चिम किनाऱ्याजवळ कॅनरी व बेंग्युला या शीतप्रवाहांमुळे सहारा व नामेबिया किनारी भागात हवामान सौम्य राहते.नाईल ही जगातील सर्वात लांब नदी व्हिक्टोरिया सरोवरातून उगम पावते व उत्तरेकडे वाहते. शेवटी ही नदी भूमध्य सरोवराला मिळते. नाईल नदीस दोन उपनद्या आहेत- नील नाईल, श्वोत नाईल नील नाईल व श्व्ोत नाईल या सुदानमधील खारटुम या ठिकाणी एकमेकांस मिळतात. अस्वान डॅम हा नाईल नदीवर बांधलेला आहे.आफ्रिका खंडाच्या मध्यभागी झैर नदीचे खोरे आहे. ही नदी बारमाही आहे. ही नदी विषुववृत्ताला दोन वेळा छेदून जाते. या नदीवर इंगा धरण बांधले आहे.दक्षिणेकडे झांबेझी नदी आहे. जगप्रसिद्ध व्हिक्टोरिया धबधबा झांबेझी नदीवर आहे. ही नदी झांबिया व झिम्बॉम्वे या दोन देशांची नेसíगक सीमारेषा तयार करते. झांबेझी नदीवर करीबा हे धरण बांधलेले आहे झांबेझी नदीच्या दक्षिणेला िलपोपो नदी आहे.आफ्रिकेतील वाळवंटे - सहारा वाळवंट, लिबिया वाळवंट, नामेबियाचे वाळवंट, कलहारा वाळवंट
आफ्रिकेतील महत्त्वाचे देश :
मोरोक्को (राजधानी रबात) : मोरोक्कोतील मर्राकेश हे ऐतिहासिक शहर असून यास लाल शहर असेदेखील म्हणतात, कारण घरबांधणीसाठी लाल दगड व तांबडय़ा मातीचा वापर करण्यात आला आहे.इजिप्त (राजधनी कैरो) : कैरो या शहराजवळील गीझा येथील पिरॉमिड जगप्रसिद्ध आहे. आफ्रिका खंडाच्या ईशान्य भागात दाट लोकसंख्या असलेला हा देश आहे. यालाच मित्र असेदेखील म्हणतात. हा देश उष्णकटिबंधातील हवामानाच्या प्रदेशात येतो. येथे उन्हाळा तीव्र तर हिवाळ सौम्य असतो. उन्हाळ्याच्या काळात नाईल नदीच्या प्रदेशात खमसिन हे उष्ण व कोरडे वारे वाहतात. ते वारे मोठय़ा प्रमाणात धूळ व वाळू वाहून आणतात. अलेक्झांड्रिया : हे इजिप्तमधील महत्त्वाचे शहर असून ते नसíगक बंदर आहे. पोर्ट सद : हे एक उत्तम बंदर आहे. तसेच व्यापारी दृष्टीने ते महत्त्वाचे मानले जाते. सुएझ कालवा मार्गाने या बंदरातून वाहतूक चालते.दक्षिण आफ्रिका : हा देश आफ्रिका खंडाच्या दक्षिण भागास असून सोने, हिरे या खनिजांसाठी तसेच प्राणी संपत्तीसाठी हा प्रसिद्ध आहे. हा देश समशीतोष्ण कटिबंधात आल्याने येथील हवामान सौम्य व आल्हाददायक आहे. बेंग्युला हा शीतप्रवाह यांच्या पश्चिम किनाऱ्यावरून जातो. पर्वतीय प्रदेशात रूंदपर्णीय पानझडी वने असून येथील व्हेल्ड पठार गवताळ कुरणांसाठी प्रसिद्ध आहे. या गवताळ प्रदेशामुळे येथे गेंडे, हत्ती, सिंह यांसारख्या प्राण्यांची संख्या विपुल आहे. येथील किंबल्रे हे शहर हिऱ्यांसाठी प्रसिद्ध आहे. या शहरात हिऱ्यांच्या खाणीसाठी खोदलेली विहीर ही भूतलावरील माणसाने खोदलेली सर्वात खोल विहीर समजली जाते. दक्षिण आफ्रिकेत निग्रो वंशाच्या लोकांमध्ये हौसा, झुलू, स्वाझी, सोथो, आदी प्रमुख जाती अहेत. किनाऱ्याजवळील लोकसंख्या दाट असून पठारी भागात व वाळवंटी भागात लोकसंख्या कमी आहे. या देशातील प्रिटोरिया, जोहोन्सबर्ग, केपटाऊन, दरबान ही प्रमुख शहरे आहेत.महत्त्वाचे मुद्दे -
कलहारी वाळवंट हे ऑरेंज नदी व झांबेझी नदी यांच्या दरम्यान आहे.कलहारी वाळवंटातून भूमध्यसागराकडे वाहणाऱ्या उष्ण स्थानिक वाऱ्यांना सिरॅको असे म्हणतात.आफ्रिकेतील सर्वात उंच शिखर किलीिमजीरो आहे.सुएझ कालवा हा १७२ किमी. असून भूमध्यसागराला गल्फ ऑफ सुएझ व तांबडा समुद्र या माग्रे जोडतो.कांगो नदीच्या खोऱ्यात पिग्मी ही जनजाती राहते.झांबिया आणि झिम्बाब्वे या देशांची नसíगक सीमा झांबेझी ही नदी बनवते.झांबेझी या नदीवर प्रसिद्ध कोबोरा बासा (Cobora Bassa) हे धरण आहे.व्हिक्टोरिया सरोवर हे आफ्रिकेतील सर्वात मोठे सरोवर असून ते युगांडा, केनिया आणि टांझानिया या दरम्यान पसरलेले आहे. श्व्ोत नाईल नदी येथून उगम पावते. हे सरोवर खचदरीत येत नाही. या सरोवरातून विषुववृत्त जाते.व्हिक्टोरिया सरोवर हे जगातील क्रमांक तीनचे सरोवर आहे. १) कॅस्पियन समुद्र २) लेकसुपेरीयर (उत्तर अमेरिका) ३) व्हिक्टोरिया सरोवर जिब्राल्टरची सामुद्रधुनी ही भूमध्य सागर ते अटलांटिक समुद्र यांना जोडते, तर युरोप व आफ्रिका यांना वेगळी करते.तांबडा समुद्र हा आफ्रिका व आशिया खंडास वेगळा करतो.तांबडा समुद्राला लागून असलेले आफ्रिकेचे देश इजिप्त, सुदान, इरीट्रीया (Eritrea) जीबौती (Djibouti) सोमालिया (Somalia), जीबौती (Djibouti), इर्रिटीया (Eritrea) आणि इथोपिया (Ethopia) यांना आफ्रिकेचे िशग म्हणतात.सहारा वाळवंटातील खडकाळ दगडी वाळवंटी भागास हमादा असे म्हणतात. तर लिबियामधल्या दगडी खडकाळ वाळवंटास सेरीर म्हणतात.आफ्रिका खंडातील लोकसंख्येच्या दृष्टीने जास्त लोकसंख्या असलेल्या देशांचा उतरता क्रम - १) नायजेरिया २) इजिप्त ३) इथोपिया ४) झेरसोने हिऱ्यांची भूमी म्हणून दक्षिण आफ्रिकेला ओळखले जाते.सिरॅका वाऱ्यांना लिबियात गिब्ली या नावाने ओळखले जाते.टांगानिका हे सरोवर टांझानिया, झैर आणि झांबिया देशांदरम्यान आह.